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24 Apr 2022 · 1 min read

दूर बाटे किनारा...

दूर बाटे किनारा लहर बा बहुत
चार दिन जिंदगी आ सफर बा बहुत

हर कदम पर सदा साँच के साथ दीं
बेईमानन के भलहीं क़दर बा बहुत

खोज अमरित न पावल केहू आज ले
हर जगहि का कहीं अब जहर बा बहुत

गर खुशी जे मिले तऽ सदी कम लगे
गम के साथे तऽ एको पहर बा बहुत

जे जे सिधवा रहे ऊ ठगाइल इहाँ
खोल अखबार देखऽ खबर बा बहुत

आज ले ना केहू मीत मीलल कहीं
गाँव बाटे बहुत आ शहर बा बहुत

धूल ‘आकाश’ सबके जे बूझे इहाँ
मौत से ऊ लगे बेख़बर बा बहुत

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 23/04/2022

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