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23 Apr 2022 · 1 min read

आज का वक्त

आज का वक्त

मुझे ध्यान है वह वक्त भी
जब दादा दादी के संग खेला करते थे
मुझे ध्यान है वह वक्त
जब हमझोलीयों के साथ खेला करते थे
ध्यान तो है मुझे सारी बातें
वह सब बातें
कभी भुलाई नहीं जाती
आखिर में याद आ ही जाती है
किसी के कहे हुए वचन
जब भी मैं सोचता हूं विचारता हूं
मेरे मन में एक उचटन सी हो जाती है
क्या करें कुछ उसका जवाब
वह मां बाप का प्यार
संगे साथी की खेल टोली
वह आपस में तख्तियां मांगना
सावन के झूलों की झूलन
होली के खेलों की खेलन
बरसात के मौसम की बारिश
तालाब के साथ पानी डालकर रिपटना
भाई-बहन की लड़ाई
सब याद है
भैंस को तालाब में लेकर जाना
फिर बकरियों को भी तालाब पर नहलाना
गाय को चारा डालना
बकरियों के बच्चों से खेलना
सब याद है
याद है वो मेहनत के दिन
माता पिता के साथ
काम में हाथ बटवाना
उनके साथ काम का प्रशिक्षण लेना
याद है
अब नहीं है याद
पहले वाला प्यार।

खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड तह गोहाना सोनीपत

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