*सोशल-मीडिया (गीतिका)*
सोशल-मीडिया (गीतिका)
■■■■■■■■■■■■■
(1)
बड़ा आदमी खुद को कहिए
बाकी चाहे जैसे रहिए
(2)
एक फेसबुक एक व्हाट्सएप
जीवन के यह दो ही पहिए
(3)
इन्टरनेट का पैक कीमती
मजबूरी है लेकिन सहिए
(4)
व्हाट्सएप अफवाह-गुरु है
हर्गिज इसके सँग मत बहिए
———————————
रचयिता : रविप्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451