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17 Apr 2022 · 1 min read

बाद तेरे

इतनी कोशिश की हमने पर हमें हासिल न हुआ
वो सफ़र बनके रह गया कभी मंज़िल न हुआ।
हमने इस दिल को बना डाला बसेरा-ए-खिज़ा
बाद तेरे कोई इसमें कभी दाख़िल न हुआ।

-Johnny Ahmed ‘क़ैस’

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