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14 Apr 2022 · 1 min read

मदिरा सवैया

🙏
!! श्रीं !!
सुप्रभात ।
जय श्री राधेकृष्ण !
शुभ हो आज का दिन !
🦚
मदिरा/मालिनी/उमा/दिवा-सवैया
(7 भगण+गा)
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शारद माँ विनती‌ करते उर में कुछ भाव नये भर दो ।
कोमल हों‌ नव पल्लव से मन की हर डाल हरी कर दो ।।
नूतन गंध कली‌ महकें तितली अलि को उर में घर दो ।
भाव न शूल बने बिखरें उर ज्ञान उगे वर दो वर दो ।।
*
राधे…राधे…!
🌹
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा!
***
🥗🥗🥗

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