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7 Apr 2022 · 1 min read

√√ आशा मधुमास न छोड़ो (गीत)

आशा मधुमास न छोड़ो (गीत)
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पतझड़ आया है आए, आशा मधुमास न छोड़ो
(1)
चारों तरफ अँधेरा, विपदाओं का चौड़ा घेरा
लुटापिटा- सा लगता आँगन क्या मेरा-क्या तेरा
उठो न हिम्मत हारो ,खुद को ताकत से झकझोड़ो
(2)
एक दिया धर लो हाथों में, अमृत मन में भर लो
नाउम्मीदी हारेगी यह प्रण भीतर से कर लो
चक्रव्यूह हैं जटिल मगर संयम से उनको तोड़ो
(3)
कुछ समझाएँगे ,अंधेरे का मतलब है रोना
है असाध्य बीमारी फैली ,मतलब सब कुछ खोना
भर देंगे वह घोर निराशा ,उनसे मुख को मोड़ो
पतझड़ आया है आए ,आशा मधुमास न छोड़ो
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451

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