Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
6 Apr 2022 · 1 min read

यूक्रेन युद्ध और नवजात शिशु

#यूक्रेन_युद्ध_और_नवजात_बच्चा
————————————-
अभी अभी जन्में बच्चें ने
रोने से पहले
सुनी,
बम के धमाको की तेज आवाज़
देखी,
आसमान से गिरते मिसाइलों की चमक
महसूस की,
आसमान छूती इमारतों को
जमीन पर गिरतें,

उसे लगा,
उसके आने की ख़ुशी नहीं है
उसे अब तक
किसी नरम मुलायम
हाथ का स्पर्श नही मिला,

अपनी माँ की छाती से
लिपट कर, उसे लगा
उसकी धड़कने उसकी माँ की धड़कनों से
कही कम धड़क रहीं है,

नन्हें शिशु के आने से पहले
माँ की स्तनों से
दूध बहने लगता है
मग़र उसकी माँ के स्तनों में दूध
उतरा ही नहीं
पर, माँ का दूध पीने को क्षुधातुर
ओ नन्हा शिशु
माँ के स्तनों को खिंचा
एक घूँट दूध उतर आया
उसकी हलक में,

बड़ी तेज़ से फिर ओ रोया
जैसे घोषणा की,
की हिटलर मुसोलिनी सा होकर
वो यूरोप को एकदम से नष्ट कर देगा

अचानक ओ शांत हो गया
बेचैन माँ ने उसके चेहरें को छुआ
ओ मुसकुराया
बुद्ध की तरह
मौन.. शांत.. चिरस्थिर..
एक मुस्कान
की बड़ा होकर
बुद्ध की तरह
यूरोप को पढ़ायेगा
बड़ा नहीं..
बस एक मानव बनने का पाठ।
©बिमल तिवारी “आत्मबोध”
देवरिया उत्तर प्रदेश

Loading...