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5 Apr 2022 · 1 min read

तू उसे चाहता ही क्यों है

जब जानता है अंजाम उसका
तू इश्क करता ही क्यों है
नहीं आएगा वो मिलने तुमसे
तू इंतज़ार करता ही क्यों है।।

मालूम है जब तुम्हें तैरना नहीं आता
फिर भी दरिया में जाता ही क्यों है
जानते हो, नहीं मिलेगा वो अब तुम्हें
फिर मारा मारा फिरता ही क्यों है।।

भीगना है जब आंसुओं से ही तुमको
बारिश में भीगता ही क्यों है
जब वो तुमको दिल अपना देती ही नहीं
तू उसको दिल अपना देता ही क्यों है।।

लगता था आदमी समझदार तू
दिल की बात सुनता ही क्यों है
जो सपने पूरे हो नहीं सकते कभी
ऐसे सपने तू बुनता ही क्यों है।।

कभी नहीं मानेगा वो बात तेरी
फिर तू कहता ही क्यों है
नहीं है तेरा कोई मेल उससे
तू उसे चाहता ही क्यों है।।

नहीं सुनी दिल ने कभी तेरी
फिर तू उसकी सुनता ही क्यों है
नहीं हो सकते कभी जो पूरे
तू ऐसे सपने बुनता ही क्यों है।।

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