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5 Apr 2022 · 1 min read

कहां चला अरे उड़ कर पंछी

कहां चला अरे उड़ कर पंछी
मैं फिर होंगा हरा भरा
लौट आएंगी फिर से बहारें
फल फूलों से हरा भरा
वक्त सभी में आता है पंछी
कभी अच्छा कभी बुरा
देख पतछड़ तुम हो घबराए
मैं तुफानों से नहीं डरा
अपना घर ही छोड़ दिया तो
गैरों के पेट कहां भरा
विकट समय घबराना कैसा
सोच समझके रहो जरा
सच्ची कहावत कही किसी ने
जो कोई डरा वही मरा
कहां चला अरे उड़ कर पंछी
मैं फिर होंगा हरा भरा

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