Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
2 Apr 2022 · 1 min read

जिन्दगी ख़ास है

जिन्दगी ख़ास है
**************
अगर वो पास है,
जिन्दगी खास है।

अभी शुरुआत है,
बुझी ना प्यास है।

नज़र से दूर क्यों,
जिन्दा हम लाश हैं।

पके फल लाल है,
मिलन की आस है।

न मनसीरत खफ़ा,
बिखरती ताश है।
**************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Loading...