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28 Mar 2022 · 1 min read

प्रेम की परिधि में

बाँध लूँ तुमको प्रेम की परिधि में
न कोई सीमा हो न कोई हो अन्त
मेघ ज्यों समाए हो आ बारिधि में
सिमट कर खोए रहे हम अनन्त

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