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27 Mar 2022 · 1 min read

“ तुम्हारे गीत मेरे कानों तक “

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”

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तुम्हारे गीत को सुनके मुझे सुकून मिला !

तुम्हारे प्रीत को पानेका एक जुनून मिला !!

तुम्हारे गीत को………………….!

तुम्हारे संगीतों ने समा बांधा !

तुम्हारे गायकी ने सुर साधा !!

खुशी मिली मुझे जन्नत की !

लगा मिली है मुझको राधा !!

तुम्हारे प्रीत को पानेका एक जुनून मिला !

तुम्हारे गीत को सुनके मुझे सुकून मिला !!

तुम्हारे गीत को………………….!

तुम्हारा गीत सदा ही गूँजेंगा !

मेरे दिल को सदा बहलाएगा !!

तुम दूर कभी चली जाओगी !

गीत सदा ही गुन गुनाएगा !!

तुम्हारे प्रीत को पानेका एक जुनून मिला !

बड़ा नसीब है अपना मुझे सुकून मिला !!

तुम्हारे गीत को…………………. !

हमसफ़र सदा बनकर रहना !

दूर जानेकी जिद्द ना करना !!

अपने संगीत और लय को !

इस जहाँ में अमर करना !!

तुम्हारे प्रीत को पानेका एक जुनून मिला !

बड़ा नसीब है अपना मुझे सुकून मिला !!

तुम्हारे गीत को………………….!

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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”

साउंड हेल्थ क्लिनिक

एस ० पी ० कॉलेज रोड

दुमका

झारखण्ड

भारत

27. 03. 2022.

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