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24 Mar 2022 · 1 min read

ख्वाहिश

ख्वाहिश नही कि दुनिया जहान में नाम हो जाये
ख्वाहिश नही कि बंगला गाड़ी सरे आम हो जाये
उससे हमें मोहब्बत है आज भी बेइंतहा मगर
ख्वाहिश नही कि बेवजह वो यूं बदनाम हो जाय

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