श्रोता 【हास्य कुंडलिया】
श्रोता 【हास्य कुंडलिया】
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श्रोता को करिए नमन , चरणों में सौ बार
हँस दे तो महती कृपा , कवि का बेड़ा पार
कवि का बेड़ा पार , नहीं तो सिर को धुनिए
श्रोता को दें दाद , मान देने को चुनिए
कहते रवि कविराय , टिका श्रोता पर होता
कवि सम्मेलन फ्लॉप ,नहीं हँसमुख यदि श्रोता
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451