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20 Mar 2022 · 1 min read

मेरी महिमा मैं ही बखानता _____कविता

मैं नहीं मानता अनुशासन दूजो को बखानता।
क्या होती है मानवता मैं यह भी नहीं जानता ।।
लिया जिससे था उधार उसका मैने दिया नहीं।
भोला-भाला और मिले कोई,चाहे मेरा हिया यही।।
लग जाए तुकतान कहीं से__यह जरूर मैं जानता।। मेरी महिमा मैं ही बखानता_________(२)
माने नहीं किसी की मैंने मानना पड़ेगी तुमको मेरी।
समय की कीमत करी नहीं कैसे हो गई तुमको देरी।।
देता नसीहत कहता सबसे अकारण ही ललकारता।।
मेरी महिमा मैं ही बखानता________(२)
और क्या तुमको राज बताऊं__
समय से कभी स्कूल न जाऊं।
होना चाहता पास फिर भी,
पठन-पाठन में न ध्यान लगाऊं।।
टीप टीप कर भरता कॉपी मैं परिणाम जरूर सुधारता।।
मेरी महिमा मैं ही बखानता________(२)
राजेश व्यास अनुनय

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