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17 Mar 2022 · 1 min read

होली - गीत

****** होली – गीत ******
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रंग – बिरंगी होली आई,
खुशियों की भर झोली आई।

चेहरे सब के रंगे हुए,
रंगों में जन सब सने हुए,
हमजोली बन टोली आई।
रंग – बिरंगी होली आई।

बच्चे – बूढ़े बांके जवान,
नर – नारी हए एक समान।
मस्ती की दे गूंज सुनाई।
रंग – बिरंगी होली आई।

देवर संग खेलती भाभी,
रंगी है गरदन से नाभी,
रंगीन हुई दिखे परछाई।
रंग – बिरंगी होली आई।

पानी से भर कर पिचकारी,
यारों के सीने पर दे मारी,
ना होती दलील सुनवाई।
रंग – बिरंगी होली आई।

गौरी की है भीगी छाती,
सुरीली ग़ज़ल नग़मे गाती,
प्रेम- प्यार की खुश्बू आई।
रंग – बिरंगी होली आई।

मनसीरत पहचान न पाए,
सूरते देख जान न पाए,
इंद्रधनुषी धूल उड़ाई।
रंग – बिरंगी होली आई।

रंग – बिरंगी होली आई,
खुशियों की भर झोली आई।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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