Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2022 · 1 min read

रात काली या अंधेरी हो यदि तूफान भी

२१२२ २१२२ २1२२ २१२

रात काली या अंधेरी हो जटिल तूफान भी।
मंजिलों से दूर रहते हैं नहीं इंसान भी।।
मार्ग चाहें हों कठिन पर
वो कभी थकते नहीं ।
सामने पर्वत अचल हो
वो कभी रुकते नहीं ।
लौह सी मजबूत उनकी है सबल जूबान भी।
***************************
जूझते नित जलजलों से
हाथ में दीपक लिए ।
और संकट के सभी पल
दूर अपने से किए ।।
भागता है दूर उनसे वक्त का शैतान भी।।
****************************
रोक दे जो रथ विजय का
वक्त की औकात क्या ।
कर्मपथ पर अग्रसर नित
रास्ता गढते नया ।
और खुद रखते सुरक्षित देश का सम्मान भी।
***************************

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

@महाकुंभ2025
@महाकुंभ2025
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
राज वीर शर्मा
गीता के छन्द : सामान्य 2/5
गीता के छन्द : सामान्य 2/5
आचार्य ओम नीरव
मजदूर दिवस की औपचारिकता
मजदूर दिवस की औपचारिकता
Sudhir srivastava
फ़ानी है दौलतों की असलियत
फ़ानी है दौलतों की असलियत
Shreedhar
ज़िन्दगी का यक़ीन कैसे करें,
ज़िन्दगी का यक़ीन कैसे करें,
Dr fauzia Naseem shad
परीक्षा का सफर
परीक्षा का सफर
पूर्वार्थ
स्पर्श
स्पर्श
Kanchan Advaita
ब्राह्मण
ब्राह्मण
Sanjay ' शून्य'
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
VINOD CHAUHAN
संविधान
संविधान
लक्ष्मी सिंह
परखा बहुत गया मुझको
परखा बहुत गया मुझको
शेखर सिंह
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
*सूने पेड़ हुए पतझड़ से, उपवन खाली-खाली (गीत)*
*सूने पेड़ हुए पतझड़ से, उपवन खाली-खाली (गीत)*
Ravi Prakash
दुर्दिन
दुर्दिन
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
4722.*पूर्णिका*
4722.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
उन अंधेरों को उजालों की उजलत नसीब नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
'कोहरा' (मनहरण घनाक्षरी)
'कोहरा' (मनहरण घनाक्षरी)
Godambari Negi
गीत मेरे जब ख्वाबों में
गीत मेरे जब ख्वाबों में
इंजी. संजय श्रीवास्तव
सावन भादों
सावन भादों
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
Shweta Soni
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
ज़िक्र-ए-वफ़ा हो या बात हो बेवफ़ाई की ,
sushil sarna
पल
पल
Sangeeta Beniwal
- परिंदे कैद नही किए जाते -
- परिंदे कैद नही किए जाते -
bharat gehlot
तो क्या हुआ
तो क्या हुआ
Sûrëkhâ
#संस्मरण
#संस्मरण
*प्रणय प्रभात*
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
खामोस है जमीं खामोस आसमां ,
Neeraj Mishra " नीर "
झाग की चादर में लिपटी दम तोड़ती यमुना
झाग की चादर में लिपटी दम तोड़ती यमुना
Rakshita Bora
स्मृतियों का सफर
स्मृतियों का सफर
Seema gupta,Alwar
Loading...