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17 Mar 2022 · 1 min read

सेल चुनावी हऽ

सब चोर हवें साथे, बस मेल चुनावी हऽ।
नेता जी गइल बारन, ऊ जेल चुनावी हऽ।

अब काम सभे पाई, मिट जाई गरीबी हो,
सब मुफ्त मिले लागल, ई सेल चुनावी हऽ।

बा धर्म जरूरी जी, इंसान जरूरी ना,
बकलोल बुझालऽ तूँ, सब खेल चुनावी हऽ।

सब रोड़ बनी सुंदर, अब स्वच्छ मिली पानी,
कागज में भरे रफ्तार, ई रेल चुनावी हऽ।

महँगाई बढ़े लागल, सब ख्वाब अधूरा बा,
सौ पार गइल देखऽ, ई तेल चुनावी हऽ।

सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य

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