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17 Mar 2022 · 1 min read

√√तो उत्सव है (गीतिका)

तो उत्सव है (गीतिका)
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(1)
पोता पोती बेटे-बहुएँ आते हैं तो उत्सव है
एक साथ आपस में जब बतियाते हैं तो उत्सव है
(2)
मोबाइल की बातों से कब मन भर पाता है पूरा
परिवारी-जन एक साथ दिख जाते हैं तो उत्सव है
(3)
सूने घर में त्योहारों का क्या आना-क्या जाना है
मिलकर आपस में रविवार मनाते हैं तो उत्सव है
(4)
भागमभागी में रोजाना जिसे मिला जब जो खाया
एक मेज पर एक साथ जब खाते हैं तो उत्सव है
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997 615 451

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