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27 Sep 2021 · 1 min read

अतिप्राचीना संस्कृतम्

देववाणी सनातनम्
शब्दग्राह्य विशेषता
अतिप्राचीना संस्कृतम्

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*तीन पंक्तियों में रचा जनक छन्द। सबसे सहज प्रवाह के लिए जाना जाता है। यह दोहे के प्रथम चरण (13 मात्राओं) के तीन सममात्रिक चरणों का छंद है। 11वीं मात्रा अनिवार्य रूप से तीनों चरणों में लघु रहेगी।

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