Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2021 · 1 min read

যদি চলে জেতে চাও…😒

যদি চলে যেতে চাও …..
যেতে পারো চলে
পথ আগলে তো দাঁড়াই নি!
আঘাত হয়তো
ঠিকই পেয়েছি
কষ্টগুলো তোমায় জানাই নি!!

যত দূরে যেতে চাও
যেতে পারো
নির্দ্ধিধায় ছিঁড়ে
সম্পর্ক গুলো!
অবহেলার জটা
ছেঁড়া দাগ
সব না হয় আমারই হলো!!
যদি চলে যেতে চাও
যেতে পারো চলে…..

Edited by Pankaj Bose.

Language: Bengali
484 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हमें अलग हो जाना चाहिए
हमें अलग हो जाना चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
धोखेबाजी का दौर है साहब
धोखेबाजी का दौर है साहब
Ranjeet kumar patre
शिष्टाचार की बातें
शिष्टाचार की बातें
संतोष बरमैया जय
नज़्म
नज़्म
Jai Prakash Srivastav
किस क़दर बेकार है
किस क़दर बेकार है
हिमांशु Kulshrestha
सच्ची मोहब्बत नहीं अब जमीं पर
सच्ची मोहब्बत नहीं अब जमीं पर
gurudeenverma198
आधुनिक होली का त्यौहार
आधुनिक होली का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
सवैया
सवैया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
लब पे ख़ामोशियों के पहरे थे
लब पे ख़ामोशियों के पहरे थे
Dr fauzia Naseem shad
नारी की आवाज हूँ।
नारी की आवाज हूँ।
manorath maharaj
#अलग_नज़रिया :-
#अलग_नज़रिया :-
*प्रणय प्रभात*
यक्षिणी- 25
यक्षिणी- 25
Dr MusafiR BaithA
समस्याएं भी निराश होती हैं
समस्याएं भी निराश होती हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
नियति
नियति
surenderpal vaidya
Gambling एक तार्किक खेल है जिसमे पूंजीपति हमेशा अपनी किस्मत
Gambling एक तार्किक खेल है जिसमे पूंजीपति हमेशा अपनी किस्मत
Rj Anand Prajapati
जमीं कम है कि इक चांद पे महल बना लूं
जमीं कम है कि इक चांद पे महल बना लूं
Jitendra kumar
संवेदनशील हुए बिना
संवेदनशील हुए बिना
Shweta Soni
दीवानी
दीवानी
Shutisha Rajput
दुःख
दुःख
Ruchi Sharma
उन्नति का जन्मदिन
उन्नति का जन्मदिन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
समारोह चल रहा नर्क में
समारोह चल रहा नर्क में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वो पहली नज़र का प्यार भी क्या प्यार था,
वो पहली नज़र का प्यार भी क्या प्यार था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"यहाँ चंद लोगों के लिए लिख रहा हूँ मैं ll
पूर्वार्थ
4391.*पूर्णिका*
4391.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उनसे क्या शिकवा
उनसे क्या शिकवा
Dheerja Sharma
" नजरिया "
Dr. Kishan tandon kranti
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
Lokesh Sharma
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
ऐश ट्रे   ...
ऐश ट्रे ...
sushil sarna
Loading...