Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Sep 2021 · 1 min read

कि कहू आब लक्ष्मी गृह मोरा हिय चैन आबै (कविता)

हे प्रभु अहूँ कि खुब बनेलौं
मरि नैय जाउ बिनु देखि छन मे
देखू जे हुनका कतौ दुराहु नै जाउ
तऐमे विश्वम्भरा के परी ललित रुप ई लागे
कि कहू आब लक्ष्मी गृह मोरा हिय चैन आबै

आहाँ जे ऐलौ तऽ जिनगी मे
उत्सव बियार ऊमर केँ आयल
खिल उठल घर आँगन हमर
खुस खुसी सगे समृद्धि ममता
सखी वहिनपा बनि आयल
कि कहू आब लक्ष्मी गृह मोरा हिय चैन आबै

मां के भेटलनि जेना अप्पन बेटी
सीता जकाँ बुझलथि घर मे आयल
सोना सँ तोलू कम छै ऐना
अभिनव जयदेवक सुशीला हो ऐना
हे प्रभु, मरि नैय जाउ बिनु देखि छन मे
कि कहू आब लक्ष्मी गृह मोरा हिय चैन आबै

मौलिक एवं स्वरचित
© श्रीहर्ष आचार्य

Language: Maithili
6 Likes · 4 Comments · 365 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

समस्त वंदनीय, अभिनन्दनीय मातृशक्ति को अखंड सौभाग्य के प्रतीक
समस्त वंदनीय, अभिनन्दनीय मातृशक्ति को अखंड सौभाग्य के प्रतीक
*प्रणय प्रभात*
हर प्राणी का जन्म ही वासना के केंद्र से हुआ है तो वासना किसी
हर प्राणी का जन्म ही वासना के केंद्र से हुआ है तो वासना किसी
Rj Anand Prajapati
🌸*पगडंडी *🌸
🌸*पगडंडी *🌸
Mahima shukla
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
ओसमणी साहू 'ओश'
रुक -रुक कर रुख पर गिरी,
रुक -रुक कर रुख पर गिरी,
sushil sarna
4722.*पूर्णिका*
4722.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गज़ल
गज़ल
Santosh kumar Miri
योग्यताएं
योग्यताएं
उमेश बैरवा
"रिश्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
कृष्ण भजन
कृष्ण भजन
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
महामहिम आनंदी बेन पटेल
महामहिम आनंदी बेन पटेल
Harminder Kaur
स्त्री
स्त्री
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
रंग औकात से ज्यादा,,, ग़ज़ल
रंग औकात से ज्यादा,,, ग़ज़ल
Neelofar Khan
मानवता
मानवता
Rahul Singh
कुंडलियां
कुंडलियां
seema sharma
झूल गयी मोहब्बत मेरी,ख्वाइश और जेब की लड़ाई में,
झूल गयी मोहब्बत मेरी,ख्वाइश और जेब की लड़ाई में,
पूर्वार्थ
“तुम हो जो इतनी जिक्र करते हो ,
“तुम हो जो इतनी जिक्र करते हो ,
Neeraj kumar Soni
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
सर्वप्रथम पिया से रँग लगवाउंगी
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
त’आरूफ़ उसको अपना फिर देंगे
त’आरूफ़ उसको अपना फिर देंगे
Dr fauzia Naseem shad
मित्र
मित्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तेरा ज़िक्र
तेरा ज़िक्र
Sakhi
''आशा' के मुक्तक
''आशा' के मुक्तक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
मेरी आँखों से जो ये बहता जल है
Meenakshi Masoom
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
आम
आम
अनिल कुमार निश्छल
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम गीत
प्रेम गीत
हरीश पटेल ' हर'
Loading...