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29 Sep 2021 · 1 min read

साहित्य समाज मे वर्ग भेद भऽ जाउ नाश

साहित्य समाज मे वर्ग भेद भऽ जाउ नाश.
आउ सब मिली करू बेबहारीक तेहेन काज.

बिना जाति देखने सबहक आदर सबहक होइ सम्मान.
कारीगर बनाउत एहने मैथिली समावेशी मचान.
©किशन कारीगर

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