Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
3 Nov 2021 · 1 min read

प्रकाश परब

हम परब के
अपना लेखा
बना लैय छीयै।

प्रकाश परब के
धन के
परब बनाबै छीयै।

स्वच्छता स्वास्थ्य के
धन के
लेल जरूरी छीयै।

इ मन के
सफाई के
लेल परब छीयै।

इ मन के
उपर विजय के
लेल उत्सव छीयै।

आउ मन के
अंदर के
रामा दीप जलावै छीयै।

स्वरचित © सर्वाधिकार रचनाकाराधीन।

-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।

Loading...