Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2022 · 4 min read

बोंगपाद बौआक बखारी (हास्य कटाक्ष)

बाबा बड़बड़ाइत बजैत रहै जे बलू एहनो कहूँ बखारी भेलैए? आंई कहअ त नै राहैरै छै नै खेसारीए आ मटर केराउ त तकने नै भेटल कतौ आ एक्कर दाबी केहेन जे हमरा सन बखारी भइर गाम केकरो नै छैह? ई बोंगपाद बौआक बखारी मे धानक खखरी तक नै भेटल जे बसहो बरद के कुट्टी सानी लगा दैतियै? ई तरकेसरा एक नवंर बोंगपाद भऽ गेल की? एकरा बजबाक कोनो ठेकान नै रहि हेल. हरदम भाषण टा झारत जे हमरा बखारी मे कोन कमी है? हम ई कर देगा त ऊ कर दिया? गाम समाज के हम बिकास कैर देगा. हमरा एलेक्शन मे जीता दियअ त अई बेर केकरो कोनो कमी नै होने देगा?

हम्मे बाबा स पूछली की होलै हौ बाबा? बलू केकरा बखारी पाछू परल छहो? किए बड़ बड़ का खिसियाअले छहू? अईं हौ बाबा भोरे भोरे की भागेसर पंडा संगे कुछो हो गेलौ? हमर गप सुनते बाबा बोललकै हौ कारीगर सबटा गप तोरो बुझले छह आ ताल मात्रा खेलाई छह? हम्मे बोललिई हमरा कहाँ कुछो बुझहल छहो हौ बाबा तोंही बोलहो ने जे बखारी मे की होलै? बाबा हां हां के हँसैत बोललकै हौ किशन तोरा मीडिया वला के त सबटा खबैर रहै छह कतह की भेलै? आ अखैन हमरे स सुनह चाहै छह की? अच्छा पहिने एक जुम तमाकुल खुआबह त सबटा गप कहै छियह?

हम बाबा लै खैनी बनाबे लगली एक जुम बाबा के आ एक जुम कैमरा वला के खुआ देली. कैमरा चालू इंटरव्यू रिकार्डिंग हुए लागल. बाबा बोललकै हौ देखै नै छहक मिथिलाक लोक केहेन बोंगपाद होईए? रहतह दसो कट्ठा नै आ होहकारी पारतह जे बारहो बिगहा मालिक? कहतह हमरा दरबज्जा पर चौदह टा बखारी आ थारी मे दाइलो तरकारी नै देखबहक की? तहिना ई मिथिला के पेटपोसुआ नेता सब भाषण टा झारतह की मिथिला राज बनैत मातर मिथिला के सब दुख दूर. मगहिया शासन मिथिला मैथिलीक दुशमन अछि? झूठा नेता सब बुते चीनी मील चालू कराउल भेलै नै आ बोंगपादी टा जे मिथिला राज बनतै त ई क देबै ऊ क देगा? मिथिला स पलायन रोकले नै भेलै आ भाषणी बखारी तेहेन जे कि कहबहक? ई तरकेसरा महादेबहो पर चढ़ौलहा रूपैया ल परा जाईए आ भागेसर पंडा के कहलियै जे तोहर बेटा एना किए करैए? त ओ बाजल जे पार्टी फंडमे जमा करतै हाईकमान के आदेश छै बाबा. हमर ताररेसर जीतत त अहीं मंदिर के जीर्णोद्धार हेतै ने बाबा? हम मोने मन कहलियै जे आई तक पोखैर घाट बनेबै नै केलकै तै पर स मंदिर के जीर्णोद्धार क बखारी लगा देतै की? आई तक रूपैया आपस नै केलक तारकेसर?

हम्मे बाबा से सवाल केली जे अकादमी पुरस्कारी वला बखारी पर तोंई की कहबहो? त बाबा बोललकै हौ कारीगर ई साहित्य अकादेमी मैथिली वला त आरो बोंगपादी करैए की? सर कुटमार के पुरूस्कार द देतह? अपना गिरोहक लोक के जूरी मेम्बर बना देतह आ पुरस्कारी दाबिए गौरबे चूर रहतह की? आ मैथिली वला सब के किताब लोक पढ़बे नै करै छै नै बिकाईते छै तइओ पुरूस्कारी बोंगपादी? मिथिला समाज साहित्य के बिरास एक्को रति नै आ सम्मान बंटतह एक ढाकी? भांटा मूरै जेंका हाटे बजारे चंदा वला समारोह मे किना बिका रहलै मिथिला सम्मान? हम्मे बाबा स फेर सवाल केली जे विद्यापति बखारी औरी मैथिली साहित्य महोत्सव , मैथिली गीत नाद पर कुछो बोल्हो ने?

बाबा हां हां के बोललकै हौ ई विद्यापति समारोह आ मैथिली साहित्य महोत्सव वला सब त दोकनदारी पर उतारू अछि की? विद्यापति स्मृति पर्व नाम पर चंदाखोरी, पाग बांट, असर्द्ध गीत नाद आ भैर रता धमगिज्जर टा होई छै की? समाजक लोक के कहियो कोन उपकार होई छै? तहिना ई गिरोहवादी साहित्यक ठेकेदार सब मैथिली साहित्य महोत्सव के नाम पर अपना गिरोह के प्रमोट करै के फिराक मे रहतह की? हौ ज मिथिला समाज मैथिली साहित्यकार स जुड़ले नै छै त कथिक झूठे साहित्य महोत्सव?
साहित्य के नाम पर ई सब अपन दोकानदारी मे लागल अछि की? तहिना ई मैथिली गायक गीतकार सब पैरोडी बना नेहाल करैए आ झूठौ दाबीए चूर जे भोजपुरी वला अशलील आ मैथिली वला सन चोरा नीक लोक कियो नै? बोंगपादी दाबीए चूर रहत सबटा?

अंत मे बाबा स हम पुछली जे हौ बाबा मिथिला मैथिली पर तोंई की कहबहो तोहर कहनाम की हौ? बाबा बोललकै हौ कारीगर की हमरा मुँहे मिथिला मैथिली के ठकहरबा सबहक किरदानी देखार करेबह? लैह हईए सुनह. मैथिली वला सब डंका पीटतह जे अंगिक्का, बज्जिक्का, ठेठी, राड़ सबटा मैथिलीए छियै की? आ लिखबा बजबा काल पुरूस्कार बेर केन्द्रीय मैथिली सोतियामी टाोन के मोजर टा करतह की? आ बाद बांकी के राड़ सोलकन बोली कैह दुत्कारतह? यथार्थ कहक त उनटे हमरे तोरे मंचलोभी त कुंठीत कहि अपन ठकहरबा किरदानी झंपबाक चलकपनी मे रहतह? मिथिला मैथिली वला के हाल ओहने जेना बखारी मे राहैर नै छै आ नै खेसारी तइओ बड्ड भैरगर कहे बोंगपाद बौआक बखारी.

आई जे मिथिला के नेता, साहित्यकार, मैथिली अकादमी, कलाकार, पत्रकार, समाजक लोक सब एकजुट भऽ समावेशी मैथिली लै काज करै जाई जैतै त मिथिला विकसित भेल रहितै. अई ठाम त सब अपना बखारी दाबिए चूर बोंगपादी टा मे लागल अछि त कहियौ मिथिलांचल के विकास हेतै किनौ. सब अपना बखारी अपन पेटपोसै के फिराक मे बेहाल यै तैं मिथिला अधमौगैते अवस्था मे रैह गेलै की?

लेखक- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)
06/01/2022

2 Likes · 935 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all

You may also like these posts

Excited.... इतना भी मत होना,
Excited.... इतना भी मत होना,
पूर्वार्थ
"जीवन अनमोल है। इसे व्यर्थ न गंवाइए। समय से जिसका चित्त जागृ
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
चिड़िया
चिड़िया
Kanchan Khanna
तुतरु
तुतरु
Santosh kumar Miri
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
आर.एस. 'प्रीतम'
"विदाई की बेला में"
Dr. Kishan tandon kranti
* एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता *
* एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता *
भूरचन्द जयपाल
हरियर जिनगी म सजगे पियर रंग
हरियर जिनगी म सजगे पियर रंग
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सत्ता काण्ड का प्रारम्भ
सत्ता काण्ड का प्रारम्भ
Arun Prasad
ख्वाबों की दुनिया तो छोड़ दो
ख्वाबों की दुनिया तो छोड़ दो
goutam shaw
*गर्मी की छुट्टियॉं (बाल कविता)*
*गर्मी की छुट्टियॉं (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जीवन आशा
जीवन आशा
Neha
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर जीवन कलरव है।
प्रेम पगडंडी कंटीली फिर जीवन कलरव है।
Neelam Sharma
माँ तेरा अहसास
माँ तेरा अहसास
श्रीकृष्ण शुक्ल
धोखे का दर्द
धोखे का दर्द
Sanjay ' शून्य'
वक्त के सिरहाने पर .........
वक्त के सिरहाने पर .........
sushil sarna
World Earth Day
World Earth Day
Tushar Jagawat
मेरी नींद
मेरी नींद
g goo
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय प्रभात*
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर मुश्किल का
हर मुश्किल का
surenderpal vaidya
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
Keshav kishor Kumar
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
रात सजने लगी
रात सजने लगी
Ramji Tiwari
पराक्रम दिवस
पराक्रम दिवस
Bodhisatva kastooriya
इश्क़ का कुछ पता नहीं होता
इश्क़ का कुछ पता नहीं होता
S K Singh Singh
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
आकाश महेशपुरी
देखो वो देश जलाकर
देखो वो देश जलाकर
योगी कवि मोनू राणा आर्य
Loading...