Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2022 · 1 min read

ऋतुक राजा कोना भेला बसंत

ऋतुक राजा कोना भेला बसंत?

हे यो…
फरछिआएल मेघ, हरियाएल खेत
वायुमंडल सँ हटि गेलै रेत
नभ मे टिम-टिम करऽ तारा
ठिठुरन सँ भेटल छुटकारा
सर्दी परि गेल कमजोर
बढ़़ल चान मे इजोर
दिनकरक भेल मुँहजोर
उमंग सँ पुलकित भेलौं पोरे-पोर।।

रौदक गरमाहट मे अएलऽ मिठगर तरंग
फुर फुर करै चंचल तितली रंग-बिरंग
दन दन करैत मन मे उठल उमंग
नव स्फूर्ति नव चेतनाक संग।।

चहकल खग, कूकल कोइली
कर्णप्रिय स्वर लागल मधुर
कुहूकिनिक बोली
गुन-गुन भंवराइत- कलिक ठोर खोटि रहल भौंरा
सन सन हृदय केँ छू रहल पवनक हिलोरा।।

लह लह करैत सोना सन सरिसो लहलहाइत
मज्जर सँ लदि गेल आमक डारि
प्रकृतिक रूपसौंदर्य चहुँ दिस देखाइ
चित्त मे उठल हर्षक उजाहि।।

गाछ-वृक्ष, लत्ती- फत्ती मे भेलई तनक
पशु-पक्षी, चुट्टी-पिपरी मे उठलई झनक
हे यौ.. सौंसे जेना गूँजै पायलक छनक
आ चूड़ीक होइछ जेना खनक।।

भोर दुपहरिया साँझ राति
जन जन गावैथ उन्माद्क पराति
वातावरण मे फैलल कुसुमक महक
ऋतुराज बसंत लऽ कऽ आएल मनभावन सनक।।

प्रस्तुति:
पवन ठाकुर “बमबम”
गुरुग्राम!!
7/2/2022

Language: Maithili
3 Likes · 3 Comments · 801 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नव पल्लव आए
नव पल्लव आए
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तुम बिन
तुम बिन
ललकार भारद्वाज
"याद"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी जीत कभी हार
कभी जीत कभी हार
Meenakshi Bhatnagar
उलझनें
उलझनें
Karuna Bhalla
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
इशरत हिदायत ख़ान
पिता का ऋण गीत
पिता का ऋण गीत
Manoj Shrivastava
- दिल के अरमान -
- दिल के अरमान -
bharat gehlot
मां जो है तो है जग सारा
मां जो है तो है जग सारा
Jatashankar Prajapati
अमर शहीदों के चरणों में, कोटि-कोटि प्रणाम
अमर शहीदों के चरणों में, कोटि-कोटि प्रणाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
ख्वाब दिखाती हसरतें ,
sushil sarna
मृदुल प्रवाह
मृदुल प्रवाह
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
जीवन में कोई मुकाम हासिल न कर सके,
जीवन में कोई मुकाम हासिल न कर सके,
Ajit Kumar "Karn"
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
Varun Singh Gautam
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
Ravi Prakash
दोहा पंचक. . . रोटी
दोहा पंचक. . . रोटी
Sushil Sarna
सरल-सहज है तुम्हारी सूरत
सरल-सहज है तुम्हारी सूरत
Acharya Shilak Ram
जिन्दगी का सवाल आया है।
जिन्दगी का सवाल आया है।
Dr fauzia Naseem shad
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
बस पल रहे है, परवरिश कहाँ है?
पूर्वार्थ
लिखना चाहता हूं...
लिखना चाहता हूं...
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कविता
कविता
Rambali Mishra
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
3133.*पूर्णिका*
3133.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नही हिलाना भूलकर,अपनी वो बुनियाद
नही हिलाना भूलकर,अपनी वो बुनियाद
RAMESH SHARMA
मेरा राम, तुम्हारे राम से भिन्न है,
मेरा राम, तुम्हारे राम से भिन्न है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भार्या
भार्या
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
ऐ ज़िन्दगी...!!
ऐ ज़िन्दगी...!!
Ravi Betulwala
घर घर दीवाली
घर घर दीवाली
इंजी. संजय श्रीवास्तव
Loading...