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16 Feb 2022 · 2 min read

जननायक कर्पूरी ठाकुर

-आचार्य रामानंद मंडल

मिथिला के लाल आ गरीब के मसीहा जननायक कर्पूरी ठाकुर हज्जाम समाज के अति निर्धन परिवार में माता रामदुलारी देवी के गर्भ से 24 जनवरी 1924 के दिन पैदा होयल रहे। पिता गोकुल ठाकुर हजामत के काज करैत रहथिन।हिनकर गांव आइ कर्पूरी ग्राम से विख्यात हैय।जे बिहार के मिथिलांचल में अवस्थित जिला समस्तीपुर में एकटा गांव पितौझिया हैय।
जननायक कर्पूरी ठाकुर मैट्रिक प्रथम श्रेणी से पास भेलन त हुनकर बाबूजी , कर्पूरी ठाकुर के संग अपना गृहस के इंहा खुशी से गेलन आ कहलथिन-मालिक हमर बेटा मैट्रिक पास कैलक हैय।तो मालिक कहलथिन-बड़ा खुशी के बात हैय।आवा कर्पूरी पहिले हमर पांव दबाबा।केतो पढ़ गेला हैय त कि हमनी के पांव त दबाबे के ही पड़त। मालिक के इ कदम कर्पूरी के मान मर्दन करे के लेल रहे। परंच कर्पूरी न त जबाब देलन न डिमोरलाइज्ड भेलन।
जननायक कर्पूरी ठाकुर 1942 में गांधी जी के आह्वान पर भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेलन।जेल गेलन।
बाद में1967 में बिहार के उपमुख्यमंत्री सह शिक्षा मंत्री बनलन। मैट्रिक में अंग्रेजी पास करै के अनिवार्यता के समाप्त कैलन।दबल कुचल समाज के लैयका के उच्च शिक्षा प्राप्त करे के रास्ता खोल लैन।
1971 में मुख्यमंत्री होयला पर मैट्रिक तक के स्कूल फीस माफ कै देलन।कि गरीब के बच्चा फीस के अभाव में भी पढाई जारी रख सके।
मुंगरी लाल आयोग के अनुशंसा के लागू कै के सामाजिक आर्थिक रुप से पिछड़ा के सरकारी नौकरी में 26प्रतिशत आरक्षण लागू कैलन।जैमे आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण के भी 03प्रतिशत आरक्षण देलन।तयियो आरक्षण विरोधी हिनका गाली देलक।
परंच जननायक कर्पूरी ठाकुर हमेशा दबल कुचल आ गरीब के आवाज बनल रहलैन।
1974के छात्र सह लोकनायक जयप्रकाश आंदोलन में भाग ले लेलन।बाद में1977मे बिहार के मुख्यमंत्री बनलैन।
मैथिली के संविधान के अष्टम अनुसूची में शामिल करे के लेल भारत सरकार के पत्र लिखनैन।

केन्द्रीय सरकार पत्र संख्या-03 आरि-1014/98का-8कैंप दि-22/12/1977

इ पत्र एक जखा से मैथिली के संविधान के अष्टम अनुसूची में शामिल के लेल बीजारोपण हैय।
तब मैथिली 2003-2004मे संविधान के अष्टम अनुसूची में शामिल भेल।
23मार्च 1971के अपन मुख्यमंत्री कालि में मिथिला विश्वविद्यालय के स्थापना के लेल विहार विधान परिषद में वक्तव्य देलन आ अइसे पहिले1967मे मिथिला विश्वविद्यालय के लेल यूजीसी के अध्यक्ष से वार्ता कैले रहथिन। बाद में1972मे मिथिला विश्वविद्यालय के स्थापना भेल।
1978 में बिहार पंचायत राज के चुनाव करैलन।आ दलित शोषित कमजोर वर्ग में चुनाव के सहारे नया नेतृत्व कर्ता पैदा कैलन।
21 अप्रैल1979तक बिहार के मुख्यमंत्री रहलन।17फरवरी1988 के अचानक हृदय गति बंद होयला के कारण सदा के लेल संसार से विदा हो गेलन।
लोग हुनका प्रेम से जननायक पुकारैत रहे।
1988मे बिहार सरकार हुनका सम्मान में हुनकर गांव पितौझिया के हुनकर नाम पर कर्पूरी ग्राम घोषित कैलक।
भारत सरकार सम्मान में डाक टिकट जारी कैलक।
बिहार सरकार बक्सर में विधि महाविद्यालय, मधेपुरा में चिकित्सा महाविद्यालय, दरभंगा आ समस्तीपुर में अस्पताल हुनका नाम से स्थापित कैलक।
भारत सरकार दरभंगा-अमृतसर लेल जननायक एक्सप्रेस चलैलक।
आइ जननायक कर्पूरी ठाकुर हमरा सभ के बीच नै छैथ परंच हुनकर विचार आइयो जिंदा हैय आ लोग के राह दिखवैत हैय।
आलेख-आचार्य रामानंद मंडल, सामाजिक चिंतक, गौशाला चौक,सीतामढ़ी।

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