Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2021 · 1 min read

आइल बहार पिया ना

आयोजन:- पारम्परिक लोकगीत लेखन
विधा-कजरी
__________________________________________

पड़े सावन के रिमझिम फुहार पिया, आइल बहार पिया ना।
ढऽ लऽ गाड़ी तू जल्दी हमार पिया, आइल बहार पिया ना।

बहे पुरुआ बयार, याद आवेला तोहार।
मन लागे ना देखऽ, सुन बा अँगना दुआर।
इहाँ पड़ल बा विरह के मार पिया, आइल बहार पिया ना।
ढऽ लऽ गाड़ी तू जल्दी हमार पिया, आइल बहार पिया ना।

बदरा करे मनमानी, लागल खेतवा में पानी।
बिआ भइल तइयार, आवऽ काटल जाई चानी।
देखऽ रोपनी के लागल लहार पिया, आइल बहार पिया ना।
ढऽ लऽ गाड़ी तू जल्दी हमार पिया, आइल बहार पिया ना।

नाहीं कंगना न हार, हमके चाही तोहार प्यार।
नीक अचिको ना लागी, अबे आई त्योहार।
बाटे तहरा से इहे मनुहार पिया, आइल बहार पिया ना।
ढऽ लऽ गाड़ी तू जल्दी हमार पिया, आइल बहार पिया ना।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य’
तुर्कपट्टी, देवरिया, (उ.प्र.)
☎️7379598464

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
1 Like · 2 Comments · 605 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

നീപോയതിൽ-
നീപോയതിൽ-
Heera S
21 उम्र ढ़ल गई
21 उम्र ढ़ल गई
Dr .Shweta sood 'Madhu'
नया  साल  नई  उमंग
नया साल नई उमंग
राजेंद्र तिवारी
टिप्पणी
टिप्पणी
उमा झा
माँ से मिलने के लिए,
माँ से मिलने के लिए,
sushil sarna
3230.*पूर्णिका*
3230.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपरिभाषित
अपरिभाषित
Shaily
🙅आज-कल🙅
🙅आज-कल🙅
*प्रणय प्रभात*
पाँच मिनट - कहानी
पाँच मिनट - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
Neelofar Khan
राजनीति और प्यार
राजनीति और प्यार
guru saxena
किराये का घर
किराये का घर
Kaviraag
इस ज़िंदगी  में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*रथ (बाल कविता)*
*रथ (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"पहचान"
Dr. Kishan tandon kranti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#SuccessMantra
#SuccessMantra
पूर्वार्थ
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
Atul "Krishn"
जन्माष्टमी विशेष - फिर जन्म लेना
जन्माष्टमी विशेष - फिर जन्म लेना
Sudhir srivastava
साँसें
साँसें
अनिल मिश्र
सवाल ये नहीं तुम को पाकर हम क्या पाते
सवाल ये नहीं तुम को पाकर हम क्या पाते
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ता बनाम प्रेम
रिश्ता बनाम प्रेम
Saraswati Bajpai
नाम बहुत हैं फ़ेहरिस्त में नाम बदल सकता हूँ मैं,
नाम बहुत हैं फ़ेहरिस्त में नाम बदल सकता हूँ मैं,
दीपक श्रीवास्तव
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
सगळां तीरथ जोवियां, बुझी न मन री प्यास।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जागो, जागो तुम, सरकारी कर्मचारियों
जागो, जागो तुम, सरकारी कर्मचारियों
gurudeenverma198
नव निवेदन
नव निवेदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
Rj Anand Prajapati
न काज़ल की थी.......
न काज़ल की थी.......
Keshav kishor Kumar
Loading...