Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2021 · 1 min read

जख्म चुपके से सहल जाई

हाल केसे अब कहल जाई।
आदमी पल में बदल जाई।
नून मुठ्ठी में हवे सबके-
जख्म चुपके से सहल जाई।

(स्वरचित मौलिक)
#सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य’

Language: Bhojpuri
288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

3959.💐 *पूर्णिका* 💐
3959.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो रात हसीं होगी……
वो रात हसीं होगी……
sushil sarna
देख तिरंगा मन डोला
देख तिरंगा मन डोला
Pratibha Pandey
नाम इंसानियत का
नाम इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
वक्त को यू बीतता देख लग रहा,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
पहचान धूर्त की
पहचान धूर्त की
विक्रम कुमार
प्राणों में हो मधुमास
प्राणों में हो मधुमास
आशा शैली
वो है संस्कृति
वो है संस्कृति
उमा झा
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
संवेदना
संवेदना
Shweta Soni
बचपन में थे सवा शेर
बचपन में थे सवा शेर
VINOD CHAUHAN
महालक्ष्मी छंद आधृत मुक्तक
महालक्ष्मी छंद आधृत मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बचपन
बचपन
Sneha Singh
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
बाहर निकलने से डर रहे हैं लोग
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Illegal Immigration: A Global Problem and a Threat to Security & Sovereignty
Illegal Immigration: A Global Problem and a Threat to Security & Sovereignty
Shyam Sundar Subramanian
चिन्ता और चिन्तन
चिन्ता और चिन्तन
ललकार भारद्वाज
#प्रसंगवश-
#प्रसंगवश-
*प्रणय प्रभात*
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जब कभी हमको सोचते होंगे ।
जब कभी हमको सोचते होंगे ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
ज़िन्दगी में खुशी नहीं होती
ज़िन्दगी में खुशी नहीं होती
सुशील भारती
सभी नेतागण आज कल ,
सभी नेतागण आज कल ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
रुपेश कुमार
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे मांस्तिष्क को मानसिक पी
प्रेम उतना ही करो जिसमे हृदय खुश रहे मांस्तिष्क को मानसिक पी
पूर्वार्थ
अपणै गांव नै मत भूलजौ
अपणै गांव नै मत भूलजौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ख्वाबों के रेल में
ख्वाबों के रेल में
Ritu Verma
एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में,
एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में,
manjula chauhan
नहीं जानता क्या रिश्ता है
नहीं जानता क्या रिश्ता है
हिमांशु Kulshrestha
सांझ सुहानी मोती गार्डन की
सांझ सुहानी मोती गार्डन की
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
'भारत के लाल'
'भारत के लाल'
Godambari Negi
Loading...