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4 Aug 2021 · 1 min read

जनवादी रंग

कटाक्ष होखे के चाहीं
व्यंग होखे के चाहीं!
गोरख औरी अदम के
ढ़ंग होखे के चाहीं!!
रीतिवाद या छायावाद
कवना काम के बा!
कविता में जनवादी
रंग होखे के चाहीं!!
Shekhar Chandra Mitra
#जनवादीगीतकार

Language: Bhojpuri
465 Views
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