Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
9 Nov 2021 · 1 min read

महक माटी के बोली के...

रहे त्योहार कवनो लोग रसगर गीत गावेला,
सुने केहू तऽ मिसिरी से जियादा स्वाद पावेला।
केहू परदेश में बोले खुशी से झूमि जाला मन,
महक माटी के बोली के सदा अमरित बनावेला।

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 08/11/2021

Loading...