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12 Dec 2021 · 1 min read

ई कइसन मिलन बा (बिदाई गीत)

नजर में रहे ऊ नगर छूट जाता
ई कइसन मिलन बा कि घर छूट जाता

जहाँ डेग पहिला ई आपन उठवनी
कि बाबू जी अँगुरी धरा के घुमवनी
ऊ बारी बगइचा डगर छूट जाता
ई कइसन मिलन बा कि घर छूट जाता

सखी सब के टोली दिवाली आ होली
कि भाई बहिन सँग हँसी आ ठिठोली
बितावल गइल हर पहर छूट जाता
ई कइसन मिलन बा कि घर छूट जाता

जुड़ाइल करीं रोज हम जिंदगी में
कि माई के ममता के जवने नदी में
ओ उफनत नदी के लहर छूट जाता
ई कइसन मिलन बा कि घर छूट जाता

इहे सोच के आज आवे रोवाई
ई गँउवाँ नगर अब से हितई कहाई
बसे जान ईहवें मगर छूट जाता
ई कइसन मिलन बा कि घर छूट जाता

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 10/12/2021

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