Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2021 · 1 min read

Me the Author in Making:!!

Me the Author in Making:

Ah! Am a great,
Author in making,
shaking in my pant,
Thou my poems,
doing rounds in meets,
& short stories,
getting attributed

But still……
Afraid of Grammar,
Worried of Spell,
Not of Publisher.
As they will edit,
To earn Millions & Merits,
Not of Public,
as they bother not,
Author of Two Pennies,
Like Me….

But of My Wife,
as she says,
am ill-litterate FOOL,
Don’t even know,
How to Spell Her!
After years of………..

Amen, May God Rest,
My soul in Peace,

Ok, Man Ok, RIP !!!!
Reap In Phony (Trance)

Language: English
Tag: Poem
1 Like · 1 Comment · 718 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

राम राम जी
राम राम जी
Shutisha Rajput
"अनाज"
Dr. Kishan tandon kranti
दरकती ज़मीं
दरकती ज़मीं
Namita Gupta
अनमोल मोती
अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
हां..मैं केवल मिट्टी हूं ..
पं अंजू पांडेय अश्रु
निर्णय
निर्णय
राकेश पाठक कठारा
मिस इंडिया
मिस इंडिया
Shashi Mahajan
Baat faqat itni si hai ki...
Baat faqat itni si hai ki...
HEBA
निज गौरव, निज मर्यादा का
निज गौरव, निज मर्यादा का
करन ''केसरा''
नज़र
नज़र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
gurudeenverma198
*छपना पुस्तक का कठिन, समझो टेढ़ी खीर (कुंडलिया)*
*छपना पुस्तक का कठिन, समझो टेढ़ी खीर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तेरे दर पे आये है दूर से हम
तेरे दर पे आये है दूर से हम
shabina. Naaz
शून्य ....
शून्य ....
sushil sarna
तमाम आरजूओं के बीच बस एक तुम्हारी तमन्ना,
तमाम आरजूओं के बीच बस एक तुम्हारी तमन्ना,
Shalini Mishra Tiwari
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
पारिवारिक मूल्यों को ताख पर रखकर आप कैसे एक स्वस्थ्य समाज और
Sanjay ' शून्य'
पंख गिरवी रख लिए
पंख गिरवी रख लिए
Dr. Rajeev Jain
"यायावरी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
इंतहा
इंतहा
Kanchan Khanna
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
हर जमीं का कहां आसमान होता है
हर जमीं का कहां आसमान होता है
Jyoti Roshni
होली(दुमदार दोहे)
होली(दुमदार दोहे)
Dr Archana Gupta
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
VINOD CHAUHAN
तुम सोडियम को कम समझते हो,
तुम सोडियम को कम समझते हो,
Mr. Jha
गले लगाया कर
गले लगाया कर
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मुझे हार से डर नही लगता क्योंकि मैं जानता हूं यही हार एक दिन
मुझे हार से डर नही लगता क्योंकि मैं जानता हूं यही हार एक दिन
Rj Anand Prajapati
ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है
ज़िन्दगी सोच सोच कर केवल इंतजार में बिता देने का नाम नहीं है
Paras Nath Jha
3231.*पूर्णिका*
3231.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
या खुदा ऐसा करिश्मा कर दे
या खुदा ऐसा करिश्मा कर दे
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...