Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Mar 2022 · 1 min read

आया है नव वर्ष

स्वर्ण रश्मियों से सजा ,आया है नव वर्ष ।
अंतर्मन को दीप्त कर ,भरे आँख में हर्ष ।।

पुष्पित उपवन से भरा ,गंधिल है नव वर्ष ।
अधरों पर मुस्कान धर , करता दूर अमर्ष ।।

नवल पंथ पर ले चला ,बना रथी नव वर्ष ।
विजय ध्वजा है हाथ में ,साँसों में संघर्ष।।

खुशियों की माला पहन ,हर्षित है नव वर्ष ।
राग तरंगित उर करे , भरे नव्य उत्कर्ष ।।

उतरा मंगलमय मुदित ,उत्साहित नव वर्ष ।
मन अमर्ष से रिक्त कर,भरता हृदय प्रकर्ष ।।

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा’शोहरत
स्वरचित सृजन
वाराणसी
1/1/2022

Loading...