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10 Mar 2022 · 1 min read

घर की देहरी पर टंगा दिन

घर की देहरी पर टंगा दिन कहता है,
साँझ हुई अब नादानों आराम करो।
माँ निकली है, तुलसी चौरे, लेकर बाती!
दीपक की लौ हिलकर कहती ‘नाम’ करो।

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