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6 Mar 2022 · 1 min read

'यायावर'

‘यायावर’
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“हर यायावर जिंदा होते।
भटके जैसे परिंदा होते।
निज किस्मत से, कभी;
खुद ना ये,शर्मिंदा होते।”
~~~~~~~~~~~~~

©®✍️पंकज कर्ण
………..कटिहार।।

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