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5 Mar 2022 · 2 min read

√√आहत आज तिरंगा (गीत)

आहत आज तिरंगा (गीत)
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दर्द नहीं भारत माता को है दुश्मन के वारों से
आहत आज तिरंगा घर के भीतर के गद्दारों
से
(1)
बारूदों को लेकर सेना की बस से जो टकराए
वह हमें पता नापाक पाक के रिश्वतखोर पराए
लेकिन जिनका खून न खौला पुलवामा की
घटना से
नहीं मानना जिनको ज्यादा यह केवल
दुर्घटना से
यह प्रभुता को मिली चुनौती भारत ने
स्वीकार करी
यह मोदी का नया हिंद था साहस जिसमें शक्ति भरी
पुलवामा का बदला लेने बालाकोट चढ़ाई की
आतंकी को कलम-बमों से समझा पाठ
पढ़ाई की
गूँज उठा जब देश समूचा सेना के जयकारों
से
लगे बोलने कुछ अपने ही आतंकी हत्यारों-
से
दर्द नहीं भारत माता को है दुश्मन के वारों से
आहत आज तिरंगा घर के भीतर के गद्दारों
से
(2)
सेना का अद्भुत शौर्य-पराक्रम जिनको रास न
आया
दो टूक हिंद ने दृढ़ता से अभिनंदन को
छुड़वाया
दुनिया भर में जब गूँज उठा भारत का सैनिक
डंका
यह था कुछ ऐसे ही जैसे जीती रावण की लंका
यह थी साहस से खड़े हुए भारत की गौरव गाथा
यह उच्च मनोबल था जिससे भारत का ऊँचा
माथा
यह लिए हुए प्रण प्रबल राष्ट्र था दुश्मन अब
हारेगा
नहीं नहीं डरेगा हिंद शत्रु के घर घुसकर मारेगा
टाँग खींचने की लेकिन अपनों को ही थी बीमारी
मोदी जिंदाबाद नहीं कहने की इनकी लाचारी
भारत यह बलहीन कर रहे राजनीति के नारों
से
पीड़ा यह शक्की-दिमाग अपनों के छुद्र विचारों से
दर्द नहीं भारत माता को है दुश्मन के वारों से
आहत आज तिरंगा घर के भीतर के गद्दारों से
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

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