Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
4 Mar 2022 · 1 min read

'दुआ' करो न बने ये मंजर....

तबाही का मंजर हैं मौत जैसा मंजर ।
‘दुआ” करो न बने ये मंजर ।।
न फैले कहीं भी डर और खौफ का मंजर ।
ये जो भूमि हैं….ये अमूल्य धरोहर ईश्वर की,
ऐ हो जाएंगी बंजर ।।

Loading...