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3 Mar 2022 · 1 min read

नसीहत

जाते हो परदेश पुत्र, याद नसीहत रखना
निंदित कर्मों को छोड़ जगत में, कर्म चाहे जो करना पर स्त्री मां बहन समझना, कभी कुदृष्टि ना रखना परधन धूल समान जानना, छल कपट ना चोरी करना जग निंदित यह महापाप हैं, हे पुत्र सदा तुम बचना अपनी मेहनत और लगन से, तुम जो भी काम करोगे देश और परदेश में तुम, अपना नाम करोगे
जाओ पुत्र विजयी हो जग में, यह सारी धरा तुम्हारी है नहीं कभी संकट आएगा, यह शुभाशीष हमारी है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

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