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24 Feb 2022 · 1 min read

जलजला

टूटा दिल पर आवाज ना हुई।
कानों कान किसी को खबर ना हुई।

1चिंगारियां अनेकों उठी
पर किसी को भनक नहीं
क्या जला क्या रहा कोई कसर न रही।कानोंकान ……..

2 कवायदें हुईं बहुत
खूब खाल खींची गई
जल गया आशियाना
पर जुवां भींची न गई।
एक से बढ़कर एक
बुराई की गाँठ खोली गई
कानोंकान……….

3 निकाला गया इज्जत
का जनाजा यहां। बिछाए गए फूल नफरत के वहाँ।
बेहिसाब जली कटी बोली गईं।
कानोंकान……….

प्रवीणा त्रिवेदी प्रज्ञा
नई दिल्ली 74

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