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23 Feb 2022 · 1 min read

अपने दमखम ही चलता जा

ज़िंदगी के किसी मोड़ पे कौन कब साथ छोड़ जाए?
मुसीबतों मे ना कोई हमदम रह जाए?

तू अपने दमखम ही चलता जा,
की कोई तेरी उम्मीदों का साथ ना छोड़ पाए?
©शायर-किशन कारीगर

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