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22 Feb 2022 · 1 min read

बदलाव

बदलाव

लोगों के मुख से
सुना जाता है अक्सर
नहीं हो रहा बदलाव
खड़ा है समाज
खड़ी है दुनिया
पुराने ढर्रे पर

मेरा है मानना
हो रहा है बदलाव
लेकिन
हो रहा है उतना ही
जितना आप स्वयं
कर रहे हो

अजीब बात है यह
आप चाहते हो
संपूर्ण बदलाव
लेकिन कर रहे हो
आंशिक ।

-विनोद सिल्ला

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