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21 Feb 2022 · 1 min read

कुछ ही पल की मिले पर खुशी तो मिले

कुछ ही पल की मिले पर खुशी तो मिले
जुगनुओं की सही रोशनी तो मिले

पाँव चादर के’ जितने ही फैलाएंगे
पर हमें कोई चादर सही तो मिले

हर तरफ बस समंदर, लगी प्यास है
दूर ही हो मगर इक नदी तो मिले

चैन ही चैन हो पास में गम न हो
कोई फुर्सत की ऐसी घड़ी तो मिले

वो ही’ मिलता रहा जो लिखा भाग्य में
अपने मन की भी कुछ ज़िन्दगी तो मिले

राह तो अनगिनत मिल रही हैं यहाँ
पर दिशा ठीक चुनने को भी तो मिले

टूटे’ रिश्ते सभी जोड़ना चाहती
‘अर्चना’ जोड़ने को कड़ी तो मिले

डॉअर्चना गुप्ता

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