Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2022 · 1 min read

वीर शिवाजी

शिव का वो रूप था !
स्वराज का सारथी था !
दमनकारियो से वो लड़ा !
थर्राए मुगल !
बीजापुर ,था डरा !
जिसे पाकर धन्य हुई यह धरा !
-नवीन कुमार

Language: Hindi
1 Like · 267 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

Life
Life
Neelam Sharma
घुटन
घुटन
शिवम राव मणि
!! निरेखा !!
!! निरेखा !!
जय लगन कुमार हैप्पी
आप उतरकर तुम तक आया,
आप उतरकर तुम तक आया,
श्याम सांवरा
4464.*पूर्णिका*
4464.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
VEDANTA PATEL
🙏प्रथम पूज्य विघ्न हर्ता 🙏
🙏प्रथम पूज्य विघ्न हर्ता 🙏
umesh mehra
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
"उठो-जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
मुहब्बत की पहली, ही सीढ़ी इनायत
मुहब्बत की पहली, ही सीढ़ी इनायत
Neelofar Khan
होली
होली
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
मिरे मिसरों को ख़यालात मत समझिएगा,
Shwet Kumar Sinha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Rashmi Sanjay
अतीत कि आवाज
अतीत कि आवाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मुहब्बत नहीं है आज
मुहब्बत नहीं है आज
Tariq Azeem Tanha
ये ज़िंदगी भी अजीब है यारों!
ये ज़िंदगी भी अजीब है यारों!
Ajit Kumar "Karn"
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
कुछ कदम मैं चलूँ, कुछ दूरियां तुम मिटा देना,
Manisha Manjari
sp96 आता हुआ बुढ़ापा
sp96 आता हुआ बुढ़ापा
Manoj Shrivastava
ना ही इच्छा कुछ शेष रही
ना ही इच्छा कुछ शेष रही
Dhirendra Singh
सहज गैर के पास
सहज गैर के पास
RAMESH SHARMA
#हिंदी_दिवस_विशेष
#हिंदी_दिवस_विशेष
*प्रणय प्रभात*
नया साल आने वाला है
नया साल आने वाला है
विक्रम सिंह
तन्हाई में अपनी
तन्हाई में अपनी
हिमांशु Kulshrestha
एक खिलता गुलाब है बेटी
एक खिलता गुलाब है बेटी
पंकज परिंदा
युगांतर
युगांतर
Suryakant Dwivedi
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
ट्रेन संख्या १२४२४
ट्रेन संख्या १२४२४
Shashi Dhar Kumar
Even the most lovable, emotional person gets exhausted if it
Even the most lovable, emotional person gets exhausted if it
पूर्वार्थ
ज़िंदगी तुझसे
ज़िंदगी तुझसे
Dr fauzia Naseem shad
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं ।
sushil sarna
Loading...