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19 Feb 2022 · 1 min read

नामुमकिन सा ख्वाब

हिजाब पहनकर वजीर ए आजम ,
बनने की बात कर रही हो ।
कितनी नादान हो नामुमकिन सा ख्वाब ,
देख रही हो ।

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