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18 Feb 2022 · 1 min read

नजारा

नजरों का यह खेल है प्यारे
नजरियाँ बदलें ताे नजारा अपने आप बदल जाएगा
दूबते हुए कसती काे किनारा फिर मिल जाएगा।

बदलते मौसम से घबराना नहीं।
टेडी रहाे पर दगमगना नहीं
रख हौसला की यह रात कत जाएगा
की काली रात के बाद… नया सवेरा जरूर आएगा

नजरियाँ बदलें ताे नजारा अपने आप बदल जाएगा

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