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17 Feb 2022 · 1 min read

*आपके सँग मुस्कुराऊँ【गीतिका】*

आपके सँग मुस्कुराऊँ【गीतिका】
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(1)
चाहता हूँ आपके सँग मुस्कुराऊँ
चाहता हूँ मैं बदल मौसम को पाऊँ
(2)
हँसी बस इसलिए होठों पे चिपकी है
चाहता हूँ बस जरा खुश नजर आऊँ
(3)
मुझे जन्नत में कुछ अच्छा नहीं लगता
मिलें यदि छुट्‌टियाँ तो अपने घर जाऊँ
(4)
जिसमें खबर हत्या – डकैती की न हो
चाहता हूँ ढूँढ़कर अखबार लाऊँ
(5)
भर चुकी है नाक तक भोजन की मात्रा
किंतु चाहता रिश्वती कुछ और खाऊँ
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.) मो. 9997615451

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