Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2022 · 1 min read

एक राष्ट्र है एक ताल है।

प्रस्तुत कविता वैश्विक आपदा कोरोना काल की प्रथम लहर के समय लॉकडाउन की स्थिति में जब हम सब डरे सहमे से असमंजस की स्थिति में थे, तब हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा घर के एक अभिभावक की तरह सबमें उम्मीद की किरण जगाने हेतु प्रत्येक भारतीय का एक साथ एक समय पर आह्वाहन किया गया और हम सबने भी एकजुटता के साथ थाली, घंटा, शंखनाद, करतल ध्वनि से कोरोना की आपदा से इस देश को मुक्त करने का संकल्प लिया। यह कविता इन्हीं भावो को समर्पित है।

एक राष्ट्र है, एक ताल है
बस यही चतुर्दिक शोर है ।
जन-जन में रोमांच भरा
क्या भारत में नव भोर है?
सब एक साथ हुंकार उठे
है समक्ष जब विपत्ति खड़ी ।
न कोई भारत का सानी
समरसता जो यहां भरी।
है भिन्न जाति, समुदाय भिन्न
हैं धर्म भिन्न, भाषायें भिन्न ।
पर बात देश की होगी जब
हम है सहिष्णु, हम हैं अभिन्न ।
ललकार एक नेतृत्व की थी
जन- जन को उसने जोड़ दिया ।
इतिहास प्रणेता बन कर के
भारत को आत्म विभोर किया।
वो शंखनाद वो करतल ध्वनि
थाली घंटा की पुनि प्रतिध्वनि
बस पुनः पुनः दोहराती थी
प्राणों से प्यारा वतन हिन्द।
प्राणों से प्यारा वतन हिन्द।

Language: Hindi
2 Likes · 415 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all

You may also like these posts

फितरत!
फितरत!
Priya princess panwar
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
भक्ति छंद- जन्माष्टमी
डॉ. शिव लहरी
#आज_का_सवाल-
#आज_का_सवाल-
*प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी का भी
ज़िंदगी का भी
Dr fauzia Naseem shad
चुनना किसी एक को
चुनना किसी एक को
Mangilal 713
आज किसी का दिल टूटा है
आज किसी का दिल टूटा है
Rajender Kumar Miraaj
मां महागौरी
मां महागौरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
" राख "
Dr. Kishan tandon kranti
ये जां भी सलामत थी और दिल भी सलामत
ये जां भी सलामत थी और दिल भी सलामत
Shweta Soni
पुलिस की चाल
पुलिस की चाल
नेताम आर सी
वो सुनाते थे मोहब्बत की कहानी मुझको।
वो सुनाते थे मोहब्बत की कहानी मुझको।
Phool gufran
पिता की दौलत न हो तो हर गरीब वर्ग के
पिता की दौलत न हो तो हर गरीब वर्ग के
Ranjeet kumar patre
मन अलग चलता है, मेरे साथ नहीं,
मन अलग चलता है, मेरे साथ नहीं,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
खुद से ही अब करती बातें
खुद से ही अब करती बातें
Mamta Gupta
प्रीत पुराणी
प्रीत पुराणी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बे-ख़ुद
बे-ख़ुद
Shyam Sundar Subramanian
विनम्रता
विनम्रता
Rambali Mishra
दलदल..............
दलदल..............
sushil sarna
Cherishing my land
Cherishing my land
Ankita Patel
लड़कियां गोरी हो, काली हो, चाहे साँवली हो,
लड़कियां गोरी हो, काली हो, चाहे साँवली हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बंजर भूमि हुई मेरी
बंजर भूमि हुई मेरी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
"मेरा प्यार "
DrLakshman Jha Parimal
नया भारत - नई उड़ान 🇮🇳
नया भारत - नई उड़ान 🇮🇳
ARVIND KUMAR GIRI
रिश्ते
रिश्ते
Neeraj Kumar Agarwal
दिल कि गली
दिल कि गली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रोटी
रोटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
क्या लिखू , क्या भूलू
क्या लिखू , क्या भूलू
Abasaheb Sarjerao Mhaske
''तुमसे मिलना है''
''तुमसे मिलना है''
शिव प्रताप लोधी
इन दरकती रेत की दीवारों से,
इन दरकती रेत की दीवारों से,
श्याम सांवरा
Loading...