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15 Feb 2022 · 1 min read

सज़ा कर मुस्कान

लबों पर सज़ा कर मुस्कान
ज़द के दर्द को छुपाना होगा
तन्हाई तो हल नहीं है मसलों का
दोस्तों की महफ़िल को सजाना होगा
क़ुबूल कहाँ होता है हर दुआ का असर
ख़ुद ही दुआ बन कर तेरा साथ निभाना होगा

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