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13 Feb 2022 · 1 min read

मां के आंसू

ए जननी ! तेरी पीड़ा अब सही नहीं जाती ।
आंखों से बहती खून के आंसुओं की जलधार देखी नहीं जाती ,
अपनी बेटी के इंसाफ के लिए तेरा गिड़गिड़ाना , बड़ा तीर सा चुभता है ।
,मगर हाय ! भगवान को भी तुझ पर दया क्यों नहीं आती।

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